लेखनी प्रतियोगिता -02-Apr-2023 उम्मीद का दामन
शीर्षक- उम्मीद का दामन
थाम तू उम्मीद का दामन,
भर खुशियों से आंगन,
देख बरस उठेंगे सावन।
उम्मीद को बनाओ चिंगारी,
ना रोक पाएंगी दुनियादारी,
लक्ष्य को बनाओ जिम्मेदारी।
आएंगे पंथ में अंधकार,
डर का करना विकार,
अपने लक्ष्य को कर साकार।
देख उनको जरा,
जो मुसीबतों से गुजरा,
तो अपने लक्ष्य को संवारा।
जब भी चुभे पंथ में शूल,
आगे बढ़ना लगाकर धूल,
दे रही है संदेश तूल।
उम्मीद है हमारा अस्त्र,
जो बनाता अपना स्वप्न,
सतत हो लक्ष्य अचल।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
सीताराम साहू 'निर्मल'
03-Apr-2023 11:37 AM
शानदार
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
03-Apr-2023 07:44 AM
प्रेरित करती हुई पंक्तियाँ
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ऋषभ दिव्येन्द्र
02-Apr-2023 11:14 PM
बढ़िया लिखा
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